

भीलवाड़ा । प्रभावशाली ग्रामीण रूपान्तरण के प्रयास में अग्रणी ओद्यौगिक सदन एलएनजे भीलवाड़ा ग्रुप, जो विभिन्न कारोबारों जैसे टेक्सटाईल्स, ग्रेफाईट इलेक्ट्रोड, विद्युत उत्पादन एवं आधुनिक सामग्री में सक्रिय है, ग्लोबल विकास ट्रस्ट की ग्रामीण रूपान्तरण पहल को समर्थन प्रदान करने के लिए जाने-माने उद्योगपतियों को एक मंच पर लाया है। रवि झुनझुनवाला के नेतृत्व में एलएनजे भीलवाड़ा ग्रुप लोगों को मयंक गांधी के सफल प्रयासों के बारे में जागरुक बना रहा है। उनकी इस पहल के चलते तीन गांवों के 27 जिलों में 4700 से अधिक गांवों के रूपान्तरण में उल्लेखनीय प्रगति हुई है, तथा पिछले 5 सालों में किसानों की आय बढ़ाने के लिए 5.6 करोड़ फलों वाले वृक्ष लगाए गए हैं।रवि झुनझुवाला के मार्गदर्शन में एनएलजे भीलवाड़ा ग्रुप की प्रमुख कंपनी RSWM Ltd किसानों एवं ग्रामीण समुदायों को मयंक गांधी के प्रभावशाली कार्यों के बारे में जागरुक बनाकर ग्लोबल विकास ट्रस्ट को सहयोग एवं नेटवर्क सपोर्ट प्रदान करते हुए सुनिश्चित कर रही है कि हर किसान इन पेड़ों से लाभान्वित हो सके और उन्हें सफलता हासिल हो। एलएनजे भीलवाड़ा ग्रुप ग्लोबल विकास ट्रस्ट के किसान प्रशिक्षण केन्द्र जीवीटी कृषिकुल में किसानों को कृषि के लिए समग्र प्रशिक्षण एवं शिक्षा प्रदान करेगा। गौरतलब है कि जीवीटी कृषिकुल एक विश्वस्तरीय सुविधा है, जहां किसानों, सीएसआर लीडरों, कॉर्पोरेट्स, एवं सरकारी अधिकारियों को एक मंच पर आकर सीखने तथा कृषि के आधुनिक समाधानों पर काम करने का मौका मिलता है। यह सेंटर देश भर के किसानों को लाभान्वित कर रहा है, कर्नाटक, राजस्थान, मध्यप्रदेश, उड़ीसा एवं अन्य राज्यों के किसान यहां आकर जीवीटी के प्रमाणित मॉडल के बारे में जानकारी पा रहे हैं, इस मॉडल की ओर आकर्षित हो रहे हैं।इस पहल के तहत उत्पन्न हुए प्रभाव के बारे में बात करते हुए रवि झुनझुनवाला, चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर, एलएनजे भीलवाड़ा ग्रुप ने कहा, “भारत के किसान हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं और उनकी समृद्धि देश की प्रगति का अभिन्न हिस्सा है। खुशी है कि हमें मयंक गांधी और उनके संगठन ग्लोबल विकास ट्रस्ट के साथ जुड़ने का मौका मिला, जो कृषि को आकर्षक बनाने के लिए प्रयासरत हैं तथा आधुनिक इनोवेशन एवं संरचित आर्थिक सहयोग के साथ स्थायी आजीविका के मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं।”मात्र रु 25 प्रति पौधे की कीमत पर दानदाता सीधे इस नेककाज के लिए अपना योगदान दे सकते हैं। जो किसान पहले सालाना रु 37000 प्रति वर्ष कमाता था अब उसकी आय तीन सालों में बढ़कर तकरीबन रु 4 लाख सालाना तक पहुंच गई है। इस तरह एक बार में मात्र रु 30000 की दानराशि उनके भविष्य को सुरक्षित बना रही है तथा स्थायी कृषि के माध्यम से उनके जीवन में बदलावकारी प्रभाव उत्पन्न कर रही है।इस पहल पर बात करते हुए मयंक गांधी, संस्थापक ग्लोबल विकास ट्रस्ट ने कहा, ‘हमारे प्रयास मराठवाड़ा क्षेत्र के परली तालुका में सफल रहे हैं, जो कई सालों से गंभीर सूखे एवं गरीबी की समस्या से जूझ रहा है। हम भूमिगत जल स्तर में सुधार लाकर क्षेत्र में बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। साथ ही प्रभावी कृषि समाधानों के साथ किसानों की आय बढ़ाने में मदद करना चाहते हैं। हमारे इन प्रयासों के परिणामस्वरूप किसान आत्मनिर्भर होकर गरिमा के साथ जीवन जी रहे हैं। हम श्री रवि झुनझुनवाला और एलएनजे भीलवाड़ा ग्रुप के प्रति आभारी हैं जिन्होंने हमें इस नेककाज के लिए व्यापक सहयोग प्रदान किया है।”2016 के बाद से ग्लोबल विकास ट्रस्ट छोटे एवं सीमांत किसानों को कम आय, उच्च जोखिम की फसलों के बजाए उच्च मूल्य के फलों वाले वृक्षों की खेती में सक्षम बनाकर उनकी आर्थिक स्थिरता को सुनिश्चित कर रहा है। उन्हें स्थायी एवं दीर्घकालिक समृद्धि के साथ सशक्त बना रहा है। बेहतर फसलों एवं कृषि की स्थायी प्रथाओं के साथ किसानों की औसत आय रु 38,723 से बढ़कर रु 3,93,986 प्रति एकड़ सालाना तक पहुंच गई है। इसके अलावा 400 करोड़ लीटर से अधिक जल संग्रहण क्षमता भी विकसित हुई है, जो किसानों को सूखे एवं जल संकट की समस्या से सुरक्षित रखने में मदद करती है।