

जोधपुर। बाल अधिकारिता विभाग द्वारा पंजीकृत बाल शोभा गृह द्वारा संचालित बाल गृह का किशोर न्याय समिति राजस्थान उच्च न्यायालय के अध्यक्ष एवं न्यायाधिपति मनोज कुमार गर्ग ने निरीक्षण किया। संस्थान के बालगृह भवन का अवलोकन करते हुए संस्थान द्वारा बच्चों को प्रदत्त सुविधाएँ एवं व्यवस्थाओं का जायजा लिया। राजस्थान उच्च न्यायालय किशोर न्याय समिति के वरिष्ठ सलाहकार राकेश कुमार चौधरी ने बताया कि राजस्थान उच्च न्यायालय किशोर न्याय समिति के अध्यक्ष माननीय न्यायाधिपति मनोज कुमार गर्ग द्वारा बच्चों से जुड़ी संस्थाओं का निरंतर अवलोकन किया जा रहा है। विगत दिनों में जयपुर, चूरू, बीकानेर, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा एवं राजसमंद के राजकीय एवं गैर राजकीय बाल गृहों का निरीक्षण गया है। और आवश्यकता अनुसार दिशा निर्देश दिए। इसी क्रम में आज शनिवार को जोधपुर चौपासनी बोर्ड हाउसिंग बोर्ड स्थित बाल शोभागृह का निरीक्षण किया गया। इस अवसर पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में न्यायाधिपति गर्ग ने बच्चों को कहानी के माध्यम से प्रेरित करते हुए कहा कि मेहनत व संघर्ष से कभी पीछे नहीं रहना चाहिए मेहनत एवं संघर्ष से ही हम अपने सुनहरे भविष्य का निर्माण करने के साथ अच्छे इंसान बन सकते हैं। कार्यक्रम में गृह के बच्चों ने देशभक्ति गीत प्रस्तुत किये। अतिथियों का स्वागत करते हुए बाल बसेरा सेवा संस्थान के सचिव मदन नाहर ने बताया कि बाल शोभा गृह की स्थापना 16 अगस्त, 1987 को चार निराश्रित बालकों से बागर चौक जोधपुर में की गई, जिसका प्रारम्भिक संचालन सुशीला बोहरा, देवराज मेहता, पी.एम. कुम्भट, माणक संचेती ने किया। संस्थान की स्थापना का मुख्य उद्देश्य समाज में विशेष देखरेख एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों के जीवन स्तर में सुधार लाना है तथा उनको समाज की मुख्यधारा से जोड़ना है। बालगृह संस्थान का संचालन किशोर न्याय अधिनियम 2015 के अन्तर्गत तथा बाल अधिकारिता विभाग, जोधपुर के दिशा-निर्देशों के अनुसार किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त समाज के संवेदनशील भामाशाहों द्वारा भी समय-समय पर सहयोग किया जाता है ।
कार्यक्रम का संचालन राजस्थान उच्च न्यायालय बाल सचिवालय से कृष्णा वैष्णव ने किया। धन्यवाद ज्ञापन संस्थान के अध्यक्ष एन आर मेहता ने किया। इस अवसर पर गृह अधीक्षक नरपत राम देवड़ा, केयर टेकर गोपाल सिंह चारण सहित बालगृह में कार्यरत समस्त कर्मचारीगण उपस्थित थे।