
नई दिल्ली। कांग्रेस ने 9 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों में चल रहे स्पेशल इंटेंसिवल रीविजन (SIR) को लेकर आक्रामक रुख अपनाने का फैसला किया है, साथ ही पार्टी मतदाता सूची संशोधन को लोकतंत्र के लिए खतरा और चुनाव आयोग की विश्वसनीयता की परीक्षा के रूप में पेश करेगी। इस योजना के तहत कांग्रेस दिसंबर के पहले सप्ताह में दिल्ली में SIR के खिलाफ एक बड़ी रैली करेगी और 1 दिसंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान भी इस मुद्दे को उठाएगी। दिल्ली की रैली कांग्रेस का शक्ति प्रदर्शन होगी, जबकि इंडिया ब्लॉक, भारतीय जनता पार्टी (BJP) संसद के अंदर मतदाता सूची संशोधन (SIR) के खिलाफ एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन करेगा। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 9 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों के वरिष्ठ नेताओं के साथ मिलकर पार्टी की मतदाता सूची संशोधन रणनीति की समीक्षा की।
राहुल गांधी ने पार्टी नेताओं से सतर्क रहने को कहा
सत्र के दौरान राहुल गांधी ने पार्टी नेताओं से कहा कि वे चल रही एसआईआर के दौरान सतर्क रहें। उन्होंने उपस्थित लोगों को बताया कि विवादास्पद मतदाता सूची संशोधन का उद्देश्य मतदाताओं को लक्षित तरीके से हटाना है। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार चर्चा के दौरान चुनाव आयोग द्वारा एसआईआर को जल्दबाजी में लागू करने पर भी चिंता व्यक्त की गई, जबकि इसके लिए अधिक समय दिया जाना चाहिए था, साथ ही, अधिकारियों के दबाव के कारण तीन राज्यों राजस्थान, मध्यप्रदेश और केरल में बूथ स्तर के अधिकारियों की मौत हो गई।
बिहार से शुरू हुआ SIR
विवादास्पद एसआईआर जून में बिहार से शुरू हुआ और कुल 7.9 करोड़ मतदाताओं में से 47 लाख के नाम हटा दिए गए, जिस पर इंडिया ब्लॉक ने आरोप लगाया कि यह एक अराजक प्रक्रिया के माध्यम से किया गया था। एसआईआर का दूसरा चरण 9 राज्यों – छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, मध्यप्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल और 3 केंद्र शासित प्रदेशों – अंडमान और निकोबार, लक्षद्वीप और पुडुचेरी के लगभग 51 करोड़ मतदाताओं को कवर करेगा, जो 321 जिलों और 1,843 विधानसभा क्षेत्रों में फैले हैं।

