

कवियों ने अपनी कविताओं एवं गीतों से लूटी वाहवाही
हास्य, श्रृंगार एवं वीर रस की कविताओं की हुई बौछार
दौसा। राष्ट्रीय कवि चौपाल, दौसा की 60वीं मासिक काव्य गोष्ठी का आयोजन नेहरू गार्डन, दौसा पर किया गया। काव्य गोष्ठी के मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार गोपाल लाल गुप्ता ‘अनुज’ एवं अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार सरदार सिंह गुर्जर ने की। काव्य गोष्ठी में प्रति माह एक साहित्यकार का सम्मान किया जाता है। इसी कड़ी में सरदार सिंह गुर्जर वरिष्ठ साहित्यकार को राष्ट्रीय कवि चौपाल सम्मान से सम्मानित किया गया एवं डॉ.बृजमोहन मीना को पीएचडी की मानद उपाधि मिलने पर चौपाल महारत्न सम्मान से सम्मानित किया गया। काव्य गोष्ठी का शुभारंभ मां शारदे के चित्र पर अतिथियों द्वारा माल्यार्पण एवं राष्ट्रीय कवयित्री सपना सोनी द्वारा मां सरस्वती की वंदना से किया गया। उन्होंने ‘जो शब्दों से मीत मिला दे गीत कौनसा गाउं मैं’…गीत सुना कर खूब वाह वाही लूटी। राष्ट्रीय कवि चौपाल, दौसा के जिलाध्यक्ष कवि कृष्ण कुमार सैनी ने सिपाही भारती माँ का सदा रक्षा ही करता है…… देशभक्ति रचना सुनाई…। संस्था उपाध्यक्ष बृजमोहन मीना ने ‘अश्क मोहब्बत में तुम न बहाया करो’……, वरिष्ठ सलाहकार बाबूलाल बोहरा ने तुम ही बताओ राधा रानी क्या-क्या जतन करें ?……, संरक्षक रविन्द्र चतुर्वेदी ने कि जिनमें जान बसती है वे बच्चे दूर रहते हैं….., सचिव दिनेश तूफानी ने हास्य कहमुकरी प्रस्तुत की…..। महासचिव कैलाश सुमा ने भरोसा टूट न जाए कहीं बचपन निराले का ……, कोषाध्यक्ष बुद्धिप्रकाश महावर ने सूनी राहें सूनी सड़कें सूनी सारी गलियां हैं…… , सलमान सिकंदराबादी ने बाप के हाथ में रोलेक्स घड़ी थी पर समय खराब था व्यंग्य सुनाया…., कुमार जे सन्तोष ने हाथ हो ना हाथ में पर समर्पण होना चाहिए….., विजय राही ने इतने दिन के बाद में उनसे हुई है बात…., कुसुम शर्मा ने मैं अपने दिल की नगमों से उसे पैगाम करती हूँ…., रामू मास्टर ने महंगाई पर बेहतरीन लोक गायिकी प्रस्तुत की…., राष्ट्रीय मिमिक्री कलाकार अशोक खेड़ला ने अपनी मिमिक्री एवं कविताएं प्रस्तुत की….., रामबाबू शर्मा ने मां सोचती है कि बेटा आज भूखा ना रहे….., रामेश्वर प्रसाद करुण ने रावण जैसे चल बसे ले मन में अभिमान….., फिल्म अभिनेता रामवीर साहिल ने रोली कुमकुम चंदन का सिंगार नहीं होता……, गोपाल टेलर एवं राजेंद्र यादव आजाद ने हास्य क्षणिकाएं प्रस्तुत कर सभी को हंसाया….., वरिष्ठ साहित्यकार गोपाल लाल गुप्ता अनुज ने अपने आशीर्वचनों से सभी को लाभांवित किया। कवि केदार प्रसाद शर्मा व कवि हाकिम सिंह गुर्जर ने भी कविताएं सुनाई…..। काव्य गोष्ठी का मंच संचालन शिवचरण भंडाना ने किया, साथ ही सांसों का क्या भरोसा रुक जाए चलते-चलते कविता प्रस्तुत की…..। इस दौरान मोहनलाल घीया, राजेंद्र प्रसाद गुप्ता, रेखा राजोरिया आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम संयोजक कवि कृष्ण कुमार सैनी ने पधारे हुए सभी साहित्यकारों एवं अतिथियों का हार्दिक आभार एवं धन्यवाद ज्ञापित किया।