

सीकर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत सह प्रचारक विशाल कुमार का कहना है कि आज की परिस्थितियों में अहिल्या बाई होल्कर के विचारों तथा उनके जीवन चरित्र से प्रेरणा लेने की जरूरत है। आर्यन महिला महाविद्यालय, रानोली में एबीआरएसएम राजस्थान (उच्च शिक्षा) की ओर से अहिल्या बाई होल्कर की 300वीं जयंती पर संबोधित करते हुए विशाल कुमार ने कहा कि अहिल्याबाई होल्कर अपने युग की वीर मानवी थीं, उन्होंने विपरीत परिस्थिति में धर्म के पथ पर चलते हुए शासन किया। विशाल कुमार ने विभिन्न कहानियों के माध्यम से बालिकाओं को संदेश दिया कि अहिल्याबाई होल्कर को अपने जीवन में एक आदर्श के रूप में स्थापित कर अपने परिवार के सभी सदस्यों को उनकी वीरता की और उनके जीवन चरित्र की यात्रा से अवगत कराना समय की जरूरत भी है और हमारा कर्तव्य भी। अहिल्या बाई ने आजीवन लोक कल्याण के व्रत का पालन किया और यही कारण है कि आज तक उन्हें हम लोकमाता के रूप में याद करते हैं। उन्होंने पूरे देश में मन्दिरों, जल स्रोतों, धर्मशालाओं आदि का निर्माण व जीर्णोद्धार किया। राज्य व्यवस्था कैसी हो इसका सर्वश्रेष्ठ उदाहरण अहिल्याबाई की राज्य व्यवस्था है। अपने ससुर मल्हार राव होल्कर जो एक पिता, एक सूबेदार, एक गुरु तीनों के रूप में थे उनसे पत्राचार के माध्यम से संपूर्ण शासन व्यवस्था को संचालित करने की ट्रेनिंग ली। वे एक महान महारानी, शासक, राजयोगिनी, देवी, शिव संकल्पनी व साम्रागी थी। प्रसिद्धि की चाह न रखने वाली प्रगतिशील व प्रयोगधर्मी स्वभाव की धनी रानी अहिल्याबाई से आज के समाज को प्रेरणा लेनी चाहिए। वे रानी अवश्य थीं, लेकिन शासन उन्होंने ईश्वर के नाम पर किया। उन्होंने स्त्री कल्याण के लिए जो कार्य किए, उन से ज्ञात होता है कि वे अपने समय की अत्यधिक आधुनिक व न्यायप्रिय स्त्री थीं। आरएसएस के सीकर विभाग संघचालक डॉ. ग्यारसी लाल जाट ने छात्राओं को कहा कि 8 वर्ष की एक बालिका जो इतनी कम उम्र में मल्हार राव होल्कर की पुत्रवधू बनकर राजमहल में आती है और अपने जीवन काल में लगभग 25 परिजनों के देहांत के कष्ट को झेलते हुए भी जिस तरीके से राज्य सेवा और जन सेवा की वह इतिहास में एक अद्वितीय उदाहरण है। इसलिए अब समय आ गया है कि अहिल्या बाई के कार्यों को नए सिरे से समाज के समक्ष प्रस्तुत किया जाए। समाज को पूर्वजों के कार्यों को भूलने की प्रवृत्ति से बाहर आना चाहिए। उन्होंने अहिल्या बाई के सत्कर्मों का अधिक से अधिक प्रचार प्रसार का आह्वान किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था निदेशक राजेश मुवाल ने की तथा विषय की प्रस्तावना संगठन के प्रदेश सचिव डॉ अशोक महला ने रखी। कार्यक्रम में आरएसएस के प्रांत सेवा प्रमुख सूर्य प्रकाश, दिनेश रणवा बाय, छगन यादव, रत्न शर्मा सहित संकाय सदस्य उपस्थित रहे। कार्यक्रम में अहिल्याबाई होलकर के जीवन चरित्र को लेकर आयोजित प्रतियोगिताओं की विजेता छात्राओं विशाखा चौधरी, सुमित्रा कुमावत, निशा कुमावत, रितु कुमावत, जयंती कुमावत, प्रियंका कुमावत, पायल कुमावत, रीना वर्मा व काजल शर्मा को शैक्षिक फाउंडेशन द्वारा प्रकाशित साहित्य भेंट कर पुरस्कृत किया गया तथा महाविद्यालय प्रांगण में अहिल्याबाई के जीवन चरित्र को लेकर विशाल प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया।